कौन से बवासीर में सर्जरी की आवश्यकता होती है? Piles (Hemorrhoids) Surgery: A Complete Guide to When and Why

बवासीर, जिसे अंग्रेजी में हेमोरोइड्स (Hemorrhoids) कहते हैं, एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। यह गुदा के अंदर और बाहर की नसों की सूजन है, जो दर्द, खुजली और रक्तस्राव का कारण बन सकती है। भारत में, लाखों लोग इस समस्या से पीड़ित हैं, लेकिन अक्सर शर्मिंदगी के कारण इसके बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं।

बवासीर का उपचार इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। कई मामलों में, जीवनशैली में बदलाव, आहार में सुधार और दवाओं से ही राहत मिल जाती है। लेकिन कुछ गंभीर मामलों में, सर्जरी ही एकमात्र स्थायी समाधान होता है। यह लेख विस्तार से बताएगा कि किन प्रकार के बवासीर में सर्जरी की आवश्यकता होती है, और सर्जरी के विभिन्न विकल्प क्या हैं।


कौन से बवासीर में सर्जरी की आवश्यकता होती है Piles (Hemorrhoids) Surgery A Complete Guide to When and Why


बवासीर के प्रकार और उनकी गंभीरता

सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि बवासीर कितने प्रकार के होते हैं। बवासीर को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा गया है:

  • आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids): ये गुदा के अंदर होते हैं और अक्सर दर्द रहित होते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में दर्द-संवेदी तंत्रिकाएं कम होती हैं। इनका पता तब चलता है जब मल त्याग करते समय रक्तस्राव होता है।
  • बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids): ये गुदा के बाहरी किनारों पर होते हैं और बहुत दर्दनाक हो सकते हैं क्योंकि ये उस क्षेत्र में होते हैं जहां दर्द-संवेदी तंत्रिकाएं अधिक होती हैं। ये अक्सर गुदा के बाहर एक सख्त, दर्दनाक गांठ के रूप में महसूस होते हैं।

आंतरिक बवासीर को उनकी गंभीरता के अनुसार चार ग्रेड में विभाजित किया गया है। यह ग्रेडिंग ही यह तय करने में मदद करती है कि किस उपचार की आवश्यकता है।

ग्रेड 1: ये छोटे होते हैं और गुदा के अंदर ही रहते हैं। ये अक्सर मल त्याग के दौरान रक्तस्राव का कारण बनते हैं, लेकिन इनमें दर्द नहीं होता।
  • उपचार: जीवनशैली में बदलाव, आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाना, अधिक पानी पीना और मल को नरम करने वाली दवाएं।

ग्रेड 2: ये मल त्याग के समय बाहर आते हैं, लेकिन अपने आप वापस अंदर चले जाते हैं।
  • उपचार: अक्सर घरेलू उपचार और दवाओं से ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में, नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे बैंडिंग का उपयोग किया जा सकता है।

ग्रेड 3: ये मल त्याग के समय बाहर आते हैं और उन्हें उंगली से धकेलकर ही वापस अंदर किया जा सकता है।
  • उपचार: इस ग्रेड में अक्सर नॉन-सर्जिकल उपचार जैसे स्क्लेरोथेरेपी या बैंडिंग प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन कई बार सर्जरी की सलाह दी जाती है, खासकर अगर ये उपचार असफल रहें।

ग्रेड 4: ये बवासीर स्थायी रूप से गुदा के बाहर लटके रहते हैं और उन्हें वापस अंदर धकेला नहीं जा सकता। ये अक्सर बहुत दर्दनाक होते हैं और इनमें रक्त के थक्के जम सकते हैं।
  • उपचार: इस स्थिति में, सर्जरी सबसे प्रभावी और स्थायी समाधान माना जाता है।


किन बवासीर में सर्जरी की आवश्यकता होती है?

अब हम उन विशिष्ट स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनमें सर्जरी आवश्यक हो जाती है।

1. ग्रेड 3 और 4 के आंतरिक बवासीर: जैसा कि ऊपर बताया गया है, ग्रेड 3 और 4 के आंतरिक बवासीर सबसे आम कारण हैं जिनके लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। जब बवासीर स्थायी रूप से बाहर निकल आते हैं और दर्द, सूजन और रक्तस्राव का कारण बनते हैं, तो दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से स्थायी राहत मिलना मुश्किल होता है। ऐसे मामलों में, सर्जरी सूजन वाले ऊतक को हटाकर समस्या को जड़ से खत्म करती है।

2. थ्रोम्बोस्ड बाहरी बवासीर (Thrombosed External Hemorrhoids): जब बाहरी बवासीर में रक्त का थक्का जम जाता है, तो इस स्थिति को थ्रोम्बोस्ड बाहरी बवासीर कहा जाता है।  यह स्थिति असहनीय दर्द और सूजन का कारण बन सकती है। अगर इस थक्के को शुरुआती 72 घंटों के भीतर हटाया नहीं जाता, तो यह और भी अधिक दर्दनाक हो सकता है। ऐसे मामलों में, सर्जन एक छोटे से चीरे के माध्यम से थक्के को हटा देता है, जिससे तुरंत राहत मिलती है।

3. जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं: कई बार बवासीर का उपचार नॉन-सर्जिकल तरीकों जैसे रबर बैंड लिगेशन (Banding), स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy) या कोएगुलेशन थेरेपी (Coagulation Therapy) से किया जाता है। ये प्रक्रियाएं छोटे से मध्यम आकार के बवासीर के लिए बहुत प्रभावी होती हैं। लेकिन अगर इन उपचारों के बाद भी बवासीर बार-बार वापस आते हैं या लक्षण कम नहीं होते, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

4. बवासीर के साथ अन्य जटिलताएं: कुछ मामलों में, बवासीर के साथ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, जैसे:

  • रक्तस्राव (Bleeding): यदि बवासीर से लगातार और भारी रक्तस्राव हो रहा है, जिससे एनीमिया (खून की कमी) हो रही है, तो सर्जरी आवश्यक हो सकती है।
  • गुदा विदर (Anal Fissure): कई बार बवासीर के साथ-साथ गुदा में एक छोटा चीरा (फिशर) भी हो जाता है, जिससे दर्द और बढ़ जाता है। दोनों समस्याओं का एक साथ इलाज करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  • संक्रमण (Infection): यदि बवासीर का क्षेत्र संक्रमित हो गया है, तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।


बवासीर के लिए सर्जिकल विकल्प

आधुनिक चिकित्सा में, बवासीर के लिए कई प्रकार की सर्जरी उपलब्ध हैं। सर्जन आपके बवासीर के प्रकार, गंभीरता और आपके स्वास्थ्य के आधार पर सबसे उपयुक्त विधि का चयन करता है।

1. हेमोरोइडेक्टॉमी (Hemorrhoidectomy): यह सबसे पारंपरिक और सबसे प्रभावी सर्जिकल प्रक्रिया है। इसमें सर्जन प्रभावित बवासीर के ऊतक को पूरी तरह से काट कर हटा देता है। यह प्रक्रिया अक्सर ग्रेड 3 और 4 के बवासीर के लिए की जाती है।
  • लाभ: यह बवासीर का स्थायी इलाज है और इसके दोबारा होने की संभावना बहुत कम होती है।
  • नुकसान: यह प्रक्रिया थोड़ी दर्दनाक हो सकती है और ठीक होने में कुछ समय लगता है।

2. स्टेपलर हेमोरोइडोपेक्सी (Stapled Hemorrhoidopexy): इस प्रक्रिया को PPH (Procedure for Prolapse and Hemorrhoids) भी कहा जाता है। इसमें सर्जन बवासीर को हटाता नहीं है, बल्कि उन्हें स्टेपलर का उपयोग करके उनकी मूल स्थिति में वापस खींच लेता है। यह प्रक्रिया रक्त की आपूर्ति को भी कम कर देती है, जिससे बवासीर सिकुड़ जाते हैं।
  • लाभ: यह हेमोरोइडेक्टॉमी की तुलना में कम दर्दनाक होती है और रिकवरी भी तेज होती है।
  • नुकसान: यह प्रक्रिया हेमोरोइडेक्टॉमी जितनी प्रभावी नहीं मानी जाती और बवासीर के दोबारा होने की संभावना थोड़ी अधिक होती है। यह मुख्य रूप से आंतरिक बवासीर के लिए उपयोग की जाती है।

3. लेज़र सर्जरी (Laser Surgery): लेज़र सर्जरी बवासीर के लिए एक आधुनिक और कम आक्रामक (minimally invasive) विकल्प है। इस प्रक्रिया में, सर्जन बवासीर के ऊतक को हटाने या सिकुड़ने के लिए एक लेज़र बीम का उपयोग करता है।
  • लाभ: यह प्रक्रिया बहुत सटीक होती है, रक्तस्राव और दर्द कम होता है, और रिकवरी भी तेज होती है।
  • नुकसान: यह प्रक्रिया अभी भी कुछ हद तक नई है और इसके दीर्घकालिक परिणामों पर अधिक शोध की आवश्यकता है। यह सभी प्रकार के बवासीर के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती।


सर्जरी के बाद की देखभाल और रिकवरी

बवासीर की सर्जरी के बाद की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है ताकि रिकवरी अच्छी हो और कोई जटिलता न हो।

  • दर्द का प्रबंधन: डॉक्टर दर्द को कम करने के लिए दवाएं देंगे।
  • आहार: फाइबर युक्त आहार खाएं और कब्ज से बचें।
  • पानी: खूब पानी पिएं।
  • सिट्ज़ बाथ (Sitz Bath): गर्म पानी के टब में बैठने से दर्द और सूजन में राहत मिल सकती है।
  • शारीरिक गतिविधि: शुरुआती दिनों में भारी काम करने से बचें।


बवासीर एक ऐसी समस्या है जिसका इलाज संभव है। यह महत्वपूर्ण है कि आप लक्षणों को अनदेखा न करें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें। जबकि अधिकांश मामलों में जीवनशैली में बदलाव और दवाओं से ही राहत मिल जाती है, ग्रेड 3 और 4 के आंतरिक बवासीर और थ्रोम्बोस्ड बाहरी बवासीर जैसे गंभीर मामलों में सर्जरी एक प्रभावी और स्थायी समाधान है।

आधुनिक सर्जिकल तकनीकें, जैसे लेज़र और स्टेपलर सर्जरी, पारंपरिक हेमोरोइडेक्टॉमी की तुलना में कम दर्दनाक और तेज रिकवरी वाली हैं। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आपकी बवासीर की समस्या गंभीर है और अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सर्जिकल विकल्पों के बारे में बात करने में संकोच न करें। स्वस्थ रहें, और शर्मिंदगी को अपनी सेहत पर हावी न होने दें।

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