स्ट्रेप थ्रोट: यह क्यों फैलता है और इससे कैसे बचें? How Contagious is Strep Throat? Symptoms, Causes, and Recovery

हमारे गले में खराश या दर्द का अनुभव होना आम बात है। कभी-कभी यह कुछ घंटों या दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, और कभी-कभी यह लंबे समय तक बना रहता है। जब यह दर्द असहनीय हो जाता है, तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और अक्सर पता चलता है कि यह "स्ट्रेप थ्रोट" है। इस स्थिति में हमारे मन में कई सवाल आते हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है: "क्या स्ट्रेप थ्रोट संक्रामक है?" इसका सीधा और सरल उत्तर है: हाँ, स्ट्रेप थ्रोट बहुत संक्रामक है।

यह लेख आपको स्ट्रेप थ्रोट के बारे में विस्तार से जानकारी देगा, जिसमें यह कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका इलाज कैसे होता है, और इससे बचाव के तरीके क्या हैं।


स्ट्रेप थ्रोट यह क्यों फैलता है और इससे कैसे बचें How Contagious is Strep Throat Symptoms, Causes, and Recovery


स्ट्रेप थ्रोट क्या है?

स्ट्रेप थ्रोट, जिसे "स्ट्रीप्टोकोकल फैरिन्जाइटिस" भी कहा जाता है, गले का एक जीवाणु संक्रमण है। यह मुख्य रूप से "ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस" (Group A Streptococcus) नामक जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु गले और टॉन्सिल में सूजन और दर्द का कारण बनता है।


स्ट्रेप थ्रोट कैसे फैलता है?

स्ट्रेप थ्रोट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैलता है। यह संक्रमण कई तरीकों से फैल सकता है:

1. बूंदों के माध्यम से (Droplet Transmission): यह संक्रमण फैलने का सबसे आम तरीका है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है, या बोलता है, तो उसके मुंह से छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैलती हैं। इन बूंदों में स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणु होते हैं। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इन बूंदों को सांस के साथ अंदर ले लेता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है।

2. सीधे संपर्क से (Direct Contact): यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आते हैं, तो भी संक्रमण फैल सकता है। उदाहरण के लिए, संक्रमित व्यक्ति का हाथ छूने, उसके साथ भोजन या पेय साझा करने, या उसके साथ किसी भी निकट संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है।

3. संक्रमित सतहों के माध्यम से (Fomite Transmission): जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसकी बूंदें आसपास की सतहों पर भी गिर सकती हैं, जैसे कि दरवाज़े के हैंडल, मेज, कंप्यूटर, या खिलौने। ये बूंदें कुछ समय तक इन सतहों पर जीवित रह सकती हैं। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इन सतहों को छूता है और फिर अपने मुंह, नाक, या आँखों को छूता है, तो संक्रमण फैल सकता है।


संक्रमण का जोखिम किसे है?

हर कोई स्ट्रेप थ्रोट से संक्रमित हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है:

  • बच्चे: स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में स्ट्रेप थ्रोट सबसे आम है। इसका कारण यह है कि वे एक-दूसरे के निकट संपर्क में रहते हैं, खिलौने और अन्य वस्तुएं साझा करते हैं।
  • परिवार के सदस्य: यदि घर में किसी को स्ट्रेप थ्रोट है, तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमण होने का अधिक जोखिम होता है।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थान: स्कूल, डेकेयर सेंटर, हॉस्टल, और सैन्य बैरक जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों में संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।


स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण क्या हैं?

संक्रमण के संपर्क में आने के बाद, लक्षणों को विकसित होने में आमतौर पर 2 से 5 दिन लगते हैं। स्ट्रेप थ्रोट के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • गले में अचानक और तेज़ दर्द: यह दर्द निगलने पर और भी बढ़ जाता है।
  • बुखार: अचानक तेज़ बुखार आना, जो 101°F (38.3°C) या उससे अधिक हो सकता है।
  • टॉन्सिल में सूजन: टॉन्सिल सूज जाते हैं और लाल हो जाते हैं। उन पर सफेद धब्बे या मवाद की धारियाँ भी दिख सकती हैं।
  • छोटे, लाल धब्बे: जीभ के पिछले हिस्से पर छोटे, लाल धब्बे जिन्हें "पेटेकिया" कहते हैं, दिख सकते हैं।
  • सिरदर्द: गंभीर सिरदर्द का अनुभव होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी: खासकर छोटे बच्चों में यह आम है।
  • शरीर में दर्द: पूरे शरीर में दर्द और थकान महसूस होना।
  • सूजी हुई गर्दन की ग्रंथियां: गर्दन के सामने की तरफ की लसीका ग्रंथियां (lymph nodes) सूज जाती हैं और छूने पर दर्द करती हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन सभी लक्षणों का एक साथ होना ज़रूरी नहीं है। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।


क्या स्ट्रेप थ्रोट बिना इलाज के ठीक हो सकता है?

कुछ मामलों में, स्ट्रेप थ्रोट बिना इलाज के भी ठीक हो सकता है, लेकिन ऐसा करना जोखिम भरा हो सकता है। यदि स्ट्रेप थ्रोट का सही समय पर और सही तरीके से इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कई गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है:

  • रूमेटिक बुखार (Rheumatic Fever): यह एक गंभीर सूजन की बीमारी है जो हृदय, जोड़ों, मस्तिष्क और त्वचा को प्रभावित कर सकती है। यह स्ट्रेप थ्रोट की सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है।
  • पोस्ट-स्ट्रीप्टोकोकल ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Post-streptococcal Glomerulonephritis): यह किडनी की एक गंभीर बीमारी है जो स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणु के कारण हो सकती है।
  • टॉन्सिलर फोड़ा (Tonsillar Abscess): टॉन्सिल के चारों ओर मवाद जमा हो सकता है, जिससे गंभीर दर्द और सूजन हो सकती है।
  • कान का संक्रमण: संक्रमण कान तक फैल सकता है।
  • साइनसाइटिस: साइनस में संक्रमण हो सकता है।

इन गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए, स्ट्रेप थ्रोट का समय पर और सही तरीके से इलाज कराना बहुत ज़रूरी है।


स्ट्रेप थ्रोट का इलाज कैसे होता है?

स्ट्रेप थ्रोट का इलाज मुख्य रूप से एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर 10 दिनों के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स लिखते हैं।

एंटीबायोटिक्स: डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स लेना बहुत महत्वपूर्ण है, भले ही आप कुछ दिनों में बेहतर महसूस करने लगें। यदि आप कोर्स को बीच में ही छोड़ देते हैं, तो संक्रमण पूरी तरह से ठीक नहीं होता और जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
दर्द निवारक: गले के दर्द और बुखार को कम करने के लिए इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी दर्द निवारक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
घरेलू उपाय: गले को आराम देने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी मददगार हो सकते हैं, जैसे:
  • गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करना।
  • गर्म चाय, सूप या शोरबा पीना।
  • खूब सारा पानी और तरल पदार्थ पीना ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
  • आराम करना।


स्ट्रेप थ्रोट से बचाव के उपाय

चूंकि स्ट्रेप थ्रोट बहुत संक्रामक है, इसलिए इससे बचाव के उपाय अपनाना बहुत ज़रूरी है, खासकर जब आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हों।

  • हाथ धोना: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, खासकर जब आप खांसने, छींकने या किसी सार्वजनिक स्थान से आते हैं।
  • खांसते और छींकते समय मुंह ढकें: खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को टिशू पेपर या कोहनी से ढकें।
  • व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें: भोजन, पेय, गिलास, और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचें।
  • सतहों को साफ करें: उन सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें जिन्हें बार-बार छुआ जाता है, जैसे कि दरवाज़े के हैंडल, लाइट स्विच, और रिमोट कंट्रोल।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें: यदि आप जानते हैं कि कोई स्ट्रेप थ्रोट से संक्रमित है, तो उनसे उचित दूरी बनाए रखें।


संक्रमण के बाद कब तक संक्रामक रहते हैं?

यदि स्ट्रेप थ्रोट का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है, तो व्यक्ति आमतौर पर इलाज शुरू होने के 24 घंटे बाद संक्रामक नहीं रहता है। इसका मतलब है कि एंटीबायोटिक लेने के 24 घंटे बाद वह स्कूल या काम पर वापस जा सकता है। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स लिया जाए ताकि संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाए।

यदि स्ट्रेप थ्रोट का इलाज नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति कई हफ्तों तक संक्रामक बना रह सकता है।


स्ट्रेप थ्रोट एक संक्रामक जीवाणु संक्रमण है जो मुख्य रूप से गले और टॉन्सिल को प्रभावित करता है। यह खांसने, छींकने और सीधे संपर्क के माध्यम से आसानी से फैलता है। हालांकि यह एक सामान्य बीमारी है, लेकिन इसका समय पर और सही इलाज बहुत ज़रूरी है ताकि गंभीर जटिलताओं से बचा जा सके। एंटीबायोटिक दवाएं इसका सबसे प्रभावी इलाज हैं, और स्वच्छता और व्यक्तिगत सावधानी बरतने से इसके प्रसार को रोका जा सकता है। यदि आपको या आपके परिवार में किसी को स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें!

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